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Karnataka State Syllabus Class 7 Hindi Chapter 10 मेरी अभिलाषा है
मेरी अभिलाषा है Questions and Answers, Notes, Summary
I) एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि तारों के समान क्या करना चाहते है?
उत्तर :
कवि तारो के समान चमकना चाहते है।
प्रश्न 2.
कवि कैसे चहकना चाहते है ?
उत्तर :
कवि पक्षियों के तरह चहकना चाहते है।
II) रिक्त स्थानों की पूर्ती करो :
1) कवि शशि से शितलता लेना चाहते है
2) कवि पर्वत से दृढता लेना चाहते है।
III) सही उत्तर चुनो :
1) कवि द्धारिका प्रासाद माहेश्वरी सूरज सा _______ चाहते है।
1. दमकना
2. हसना
3. दौडना
4. भागना
उत्तर :
1. दमकना
2) कवि द्धारिका प्रासाद माहेश्वरी कोयल सा _______ चाहते है।
1. गाना
2. बोलना
3. कुहकना
4. उडना
उत्तर :
3. कुहकना
3) कवि द्धारिका प्रासाद माहेश्वरी फूलों सा _______ चाहते है।
1. महकना
2. बहना
3. उमडना
4. उतरना – चढना
उत्तर :
1. महकना
IV) प्रथम पाँच पंक्तियाँ कंठस्थ करो:
सूरज – सा दमकूँ मै
चंदा – स चमकूँ मै
झलमल – झलमल उज्जवल
तारों – सा दमकूँ मै
मेरी अभिलाषा है
सीखो।
1. फूल – महकता है
2. सूरज – दमकता है
3. विहग – चहकता है
4. कोयल – कुहकता है
5. चंदा – चमकता है
समझो और पूरा करो :
श्ब्दो को खोल : आओ, अंत्याक्षरी खेले। अंतिम वर्ण से चार चार नए शब्दो का निर्माण करो
नमूना : महक = कमरा, राम, महल, लडका
1. जीवन – नमन, नल, लडकी, कील
2. सुन्दर – राम, मकान, नस, सरल
3. सेवा – वाहन, नजर, रक्त, तलाब
4. हम – महल, लज्जा, जाम, मरण
वर्तनी शुद्ध करो
1. अभिलषा – अभिलाषा
2. फुल – फूल
3. सुरज – सूरज
4. परवत – पर्वत
5. नब – नभ
मेरी अभिलाषा है Summary in Hindi
इस कविता के कवि दवारिकाप्रसाद माहेश्वरी है कवि सूरज तारे के तरह झिलमिल चमकने की आभिलाषा है।
फूलों की तरह महककर चिडियों की तरह चहककर वन उपवन को गुंजित करना और कोयल सा कुसकने की आभिलाषा है। आसमान से निर्मलता चंद्र से शीतलता धरती से सहिषगुता पर्वत से दृढता लेने की अभिलाषा है।
मेरी अभिलाषा है Summary in Kannada
मेरी अभिलाषा है कवि परिचय :
ग्राम रोहता, आगर, उत्तर प्रदेश में जन्मे द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी जी (1916-1998) आपने जीवन – काल में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य पुस्र्कार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरस्वती साधना सम्मान से पुरस्कृत हुए।
इनकी प्रमुख रचनाए है।
१. कविता संग्रह – फूल और शूल
२. खडकाव्य – क्रोचवध, सत्य की जीत
३. बाल काव्य कृतियाँ – वीर तुम बढे चलो, हम सब सुमन एक उपवन के सोने की कुल्हाडी, कातो और गाओ, सुरज – सा चमकू मैं, बाल गीतयन।
मेरी अभिलाषा है शब्दार्थ :
- आभिलाषा – इच्छा
- चंदा – चंद्रमा
- चमकना – प्रकाशित होना
- झलमल — चमक – दमक
- उज्ज्वल -प्रकाश्मान
- दमकन – चमकना
- महकना – खूशबूदार होना
- विहाग – पक्षी
- चहक – कलख
- नभ – आकाश
- कुहक्ना – पक्षी का बोलना
- दृद – मजबूत