You can Download कबीर के दोहे Questions and Answers Pdf, Notes, Summary Class 8 Hindi Karnataka State Board Solutions to help you to revise complete Syllabus and score more marks in your examinations.
कबीर के दोहे Questions and Answers, Notes, Summary
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कैसी वाणी बोलनी चाहिए ?
उत्तर :
मीठे वाणी बोलनी चाहिए।
प्रश्न 2.
कबीर सच्चाई और झूठ को किसके समान मानते हैं ?
उत्तर :
कबीर के अनुसार सत्य तप के समान है। झूठ पाप के बराबर है।
प्रश्न 3.
किसके हृदय में ईश्वर रहता है ?
उत्तर :
सत्य बोलनेवालों के हृदय में ईश्वर रहता है।
प्रश्न 4.
खजूर के पेड़ से किसे छाया नहीं मिलती ?
उत्तर :
खजूर के पेड़ से मुसाफिरों या पथिकों (यात्रियों) को छाया नहीं मिलती।
II. तीन – चार वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
खजूर के पेड़ से हमें क्या सीख मिलती है ?
उत्तर :
खजूर का पेड बेशक बहुत बड़ा होता है लेकिन ना तो वो किसी को छाया देता है और फल भी बहुत ऊँचाई पे लगता है। इसी तरह सिर्फ आकार में बड़े होने से कुछ नहीं होता, लंबे होने से भी फायदा नहीं। अगर हम किसी का भला नहीं कर पा रहे तो ऐसे बड़े होने से भी कोई फायदा नहीं है। खजूर के पेड़ से यही सीख मिलती है।
प्रश्न 2.
मन से बुरे विचार कैसे मिट जाते हैं?
उत्तर :
हमें इस तरह के वचन बोलने चाहिए कि हमारे मन का अहंकार मिट जाए। हमारे बोल से दूसरों को शीतलता मिले। साथ खुद का मन भी शीतल हो जाए।
प्रश्न 3.
हमें किस तरह की बातें करनी चाहिए ?
उत्तर :
हमें हमेशा सच बोलना चाहिए। झूठ से बढ़कर कोई पाप नहीं है। हमें सत्यवादी होना चाहिए। सत्यवादी लोग ईमानदार होते हैं। उनके हृदय में भगवान निवास करते हैं। सच्चा इंसान हमेशा सही मार्ग पर चलता है।
प्रश्न 4.
भगवान का स्मरण मनुष्य कब और क्यों करता है?
उत्तर :
सभी लोग जब जीवन में दुःख या विपत्ती आती है तभी भगवान का स्मरण करते हैं। जब वे सुखी होते हैं तो भगवान को भूलकर भी याद नहीं करते।
प्रश्न 5.
सच और झूठ में क्या अंतर है ?
उत्तर :
सच बोलने के समान दूसरी कोई तपस्या नहीं। सच्चा आदमी नेक होता है। झूठ बोलने या झूठे व्यवहार से बढ़कर कोई पाप या बुरा कर्म नहीं है।
III. विलोमार्थक शब्द लिखिए :
सत्य x असत्य
- धर्म x अधर्म
- न्याय x अन्याय
- चेत x अचेत
- हित x अहित
- शांत x अशांत
- सफल x असफल
IV. उदाहरण के अनुसार समानार्थक शब्द लिखिए :
उदा : अपेक्षा – इच्छा
- अग्नि – आग
- उत्तर – जवाब
- कनक – सोना
- खग – पक्षी
- गुरु – शिक्षक
- तारा – नक्षत्र
V. उदाहरण के अनुसार शब्दों के अन्य रूप लिखिए :
नमूना :बानी – वाणी
- साँच – सत्य
- हिरदै – हृदय
- सीतल – ठंडा
- जुग – युग, समया
- पंथी – यात्री
VI. पद्यभाग पूर्ण कीजिए :
ऐसी बानी …………………………….
………………………… आपहुँ सीतल होय ॥
साँच बराबर …………………………
……………………………….. ताके हिरदै आप ।।
VII. नीचे लिखे शब्दों को उलटकर लिखिए – देखिए इनसे कौन-से शब्द बनते हैं?
उदा: नाच – चना
- याद – दया
- रमा – मार
- नव – वन
- लता – ताल
- हरा – राह
- नदी – दिन
VIII. नीचे लिखे शब्दों को उचित वर्गों के अंतर्गत लिखिए :
पीपल, वसंत, रविवार,शनिवार, ग्रीष्म,होली, नीम, दशहरा, अक्तूबर, खजूर, हेमंत, ताड़, सितंबर, मंगलवार, ईद, क्रिसमस, वर्षा, मई, बुधवार, फरवरी
IX. वाक्य शुद्ध कीजिए :
प्रश्न 1.
मोहन का माँ बीमार है।
उत्तर :
मोहन की माँ बीमार है।
प्रश्न 2.
हमारी भाषा के नाम हिंदी है।
उत्तर :
हमारी भाषा का नाम हिंदी है ।
प्रश्न 3.
दिल्ली भारत की राजधानियाँ है।
उत्तर :
दिल्ली भारत की राजधानी है ।
प्रश्न 4.
कृष्णा, गोदावरी, कावेरी दक्षिण भारत की नदी हैं।
उत्तर :
कृष्णा, गोदावरी, कावेरी, दक्षिण भारत के नदियाँ हैं।
प्रश्न 5.
सच का विलोम शब्द झूठा है।
उत्तर :
‘सच’ का विलोम शब्द ‘झूठ’ हैं ।
प्रश्न 6.
शीतलता का अर्थ ठंडा है।
उत्तर :
शीतल का अर्थ ठंडा है ॥
प्रश्न 7.
अध्यापिका पाठ पढ़ाता है।
उत्तर :
अध्यापिका पाठ पढ़ाती है
X. शब्दों को शुद्ध कीजिए :
- समुन्द्र – समुद्र
- कक्षा – कक्षा
- पंक्षी – पक्षी
- सध्या – संध्या
- क्रम – क्रम
- मिठी – मीठा
XI. निम्नलिखित शब्द एक जैसे लगते हैं, नहीं हैं। अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
1. बाघ – भाग
बाघ – प्राणी – जंगल के जानवर है ।
भारत के राष्ट्रीय प्राणी है।
2. अनल – अनिल
अनल – अग्नि, आग – सभी आग में भस्म होते हैं
3. परिणाम – परिमाण
परिणाम – महत्व, फल, नतीजा
मेरा दोस्त न आने के परिणाम में स्कूल को नहीं गया ।।
4. माता – माथा
माता – माँ – मेरी माँ बहुत सुंदर है ।
5. बाल – भाल
बाल – केश,
लोम घोड़ा का बाल सुंदर है।
6. ओर – और
ओर – आगे – मैं रास्ता में जाते समय मेरा दोस्त की ओर देखा।
XII. कन्नड या अंग्रेजी में अनवाद कीजिए:
पूरक वाचन
सीखें हम दो अच्छी बातें
प्रश्न 1.
लड़ाई किस बात से होती है?
उत्तरः
कड़वी बात से लड़ाई होती है।
प्रश्न 2.
किस प्रकार की बात पर मोल नहीं लगता?
उत्तरः
झूठ बात पर मोल नहीं लगता।
प्रश्न 3.
चुप रहने का लाभ क्या है?
उत्तरः
चुप रहने से लाभ लड़ाई खतम होता है।
कबीर के दोहे Summary in Hindi
कबीर के दोहे पाठ का सारांश:
कबीरदास (सन् 1398-1518) “वाणी के डिक्टेटर” थे। नीरु-नीमा नामक मुसलमान जुलाहे परिवार में उनका पालनपोषण हुआ। सहजता, निर्भीकता इनके काव्य के प्रमुख गुण हैं। इनकी वाणी में समाज सुधार की भावना कूट-कूट कर भरी है। वे बड़े दार्शनिक कवि थे। कबीर का काव्य बुद्धि और हृदय का संगम है। इतना ही नहीं, वे बड़े संत कवि थे। उन्हें जीवन-नीति के धर्म गुरु भी कहा जाता है। कबीर की रचनाएँ ‘बीजक’ नाम से संकलित हैं, जिनके तीन भाग हैं – साखी, सबद, रमैनी।
दोहे का भावार्थ :
1) ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय।
औरन को सीतल करै, आपहुँ सीतल होय ॥
कबीर कहते हैं कि आप ऐसे भाषा बोलिए जिससे आपका अहंकार मिट जाए। मन में जो गर्व है, घमंड है वह दूर होना चाहिए। आपकी बोल से दूसरों को शीतलता मिले और अपना मन भी शीतल हो जाए। इससे दूसरे लोगों को तो सुख पहुँचता ही है, इसके साथ साथ खुद को भी आनंद का अनुभव होता है।
कहने का तात्पर्य है कि हमारी वाणी मधुर और मीठी होनी चाहिए। उसे सुनकर दूसरों के मन की कडुवाहट दूर हो और वे भी हमारे साथ मीठा व्यवहार करने के लिए प्रेरित हों।
शब्दार्थ :
- बानी – वाणी, बचन;
- आपा – अहंकार, गर्व, घमंड;
- खोय – गँवाना, छोड़ देना, नष्ट करना;
- औरन – दूसरे लोगों को, औरों को;
- सीतल – ठंडा।
2) साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप।
जाके हिरदै साँच है, ताके हिरदै आप ॥
जो सत्यवादी है अर्थात् जो सच बोलता है, जिसका व्यवहार भी सही होता है, उसका चरित्र भी नेक होता है। भगवान भी ऐसे ही लोगों को अपनाते हैं।
कबीर इस सच्चाई के बारे में कहते हैं – सत्य बोलने के समान दूसरी कोई तपस्या नहीं, साधना नहीं। इसके विरोध में झूठ बोलने या झूठे व्यवहार से बढ़कर कोई पाप या बुरा कर्म नहीं है। जिसके दिल में सच्चाई होती है, जो हमेशा सच ‘ बोलता है, सही मार्ग पर चलता है, भगवान भी उसीके हृदय में निवास करते हैं। कहने का तात्पर्य है – भगवान को भी सत्यवादी ही प्रिय होते हैं।
शब्दार्थ :
- साँच – सच, सत्य, रेड;
- बराबर – समान;
- तप – तपस्या, साधना;
- जाके – जिसके;
- ताके – उसके;
- हिरदै – हृदय, दिल;
- आप – भगवान, परमात्मा।
3) बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।।
इन्सान धन-दौलत या पद-अधिकार से चाहे जितना भी बड़ा बने, बड़प्पन का सही निशान तो उसका परोपकार ही होता है। इस भाव को कबीरदास ऐसे प्रस्तुत करते हैं – खजूर का पेड़ लंबा और ऊँचा होता है, इसलिए उससे राहगीरों को छाया नहीं मिलती। उसमें उगनेवाले फल भी बहुत ऊपर होते हैं। ऐसे ही इन्सान भी बड़ा कहलाने से बड़ा नहीं होता। दूसरों के लिए उपयोगी होने पर ही वह महान् बन सकता है। तात्पर्य यह है कि मानव को परोपकारी होना चाहिए।
शब्दार्थ :
- बड़ा – लंबा और चौड़ा, अधिक ऊँचा;
- भया – होना, बनना;
- खजूर का पेड़ – ताड़ जैसा एक लंबा पेड़;
- पंथी – पथिक, राही, यात्री
4) दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करें, तो दुख काहे होय॥
जो सुख प्राप्त करता है वह एक दिन दुःख भी भोगता है। उसी तरह जिसे आज दुःख का अनुभव करना पड़ा है उसे . भविष्य में सुख जरूर मिलेगा। लेकिन हमें दोनों समय भगवान का स्मरण करना चाहिए। इसी विचार को कबीर ऐसे कहते हैं – सब लोग दुःख और विपत्ती के समय में भगवान का स्मरण करते हैं। लेकिन सुख प्राप्त होने पर भगवान की याद नहीं करते। कबीर कहते हैं कि अगर सुख के समय में भी भगवान की याद करते तो दुःख की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। कहने का तात्पर्य है कि सुख और दुख दोनों भगवान की ही देन है, इन दोनों को हम समान मनोभाव से स्वीकार करें, तो हमारा जीवन सुगम होता है।
शब्दार्थ :
- सुमिरन – स्मरण करना, याद करना;
- काहे – क्यों, किसलिए, किस कारण से;
- कोय – कोई;
- होय – होता है।
कबीर के दोहे Summary in English
Kabir says man is counting beeds for many years still his heart is not clean. Men should stop act of counting beeds. The heart symbolising counting beeds should be turn with devotion. One’s speech should be so good that it would relieve pain and bestow peace upon the recipient. It also gives happiness and peace to the one who speaks.
The poet here says that there is no meditation other than the truth. Telling lies is equal to sin. God resides in the heart of people who always speak the truth. A date tree is of no use even it is tall and nobody can rest under its shade. Its fruit are at such a great height that no one could try of taking them.
कबीर के दोहे Summary in Kannada