Students can Download Karnataka SSLC Hindi Previous Year Question Paper March 2019 with Answers, Karnataka SSLC Hindi Model Question Papers with Answers helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and score more marks in your examinations.

Karnataka State Syllabus SSLC Hindi Previous Year Question Paper March 2019 with Answers

Time: 2.30 Hours
Max Marks: 80

खण्ड ‘क’
(गद्य, पद्य और पूरक वाचन)

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक – एक वाक्य में लिखिए। (6 x 1 = 6)

प्रश्नः 1.
प्रेमचंद जी का जी क्यों ललचाया?
उत्तरः
सेव को देखकर प्रेमचंद जी का मन ललचाया।

प्रश्नः 2.
आज की दुनिया कैसी ?
उत्तरः
आज की दुनिया नवीन भी है और विचित्र भी है ।

प्रश्नः 3.
लेखक पहनने के कपडे सिरहाने दबाकर क्यों सोये?
उत्तरः
चोरी के डर से लेखक पहनने के कपडे सिरहाने दबाकर सोये।

प्रश्नः 4.
लालिम और किंचा जंगल की ओर . क्यों चल पडे ?
उत्तरः
मकान के बारे में पूछ – ताछ करने के लिए ललिमा और किंच जंगल की और चल पडे।

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

प्रश्नः 5.
भारत के खेत कैसे है?
उत्तरः
भारत के खेत सुंदर और समूह है।

प्रश्नः 6.
एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन थी?
उत्तरः
विजेंद्री पाल एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला थी।

II. 7. सही वाक्यांशो को जोड़कर लिखिए। (4 x 1 = 4)

Karnataka SSLC Hindi Previous Year Question Paper March 2019 - 1
Karnataka SSLC Hindi Previous Year Question Paper March 2019 - 2
उत्तरः
1 – vi
2 – iv
3 – v
4 – ii

III. प्रथम दो पदों से सूचित संबंधों के अनुरूप तीसरे पद से संबंधित पद लिखिए। (4 × 1 = 4)

प्रश्नः 8.
मेग बचपन : आत्मकथा :: ईमानदारों के सम्मेलन में : व्यंग्य रचन
उत्तरः
व्यंग्य रचन

प्रश्नः 9.
गिल्लू की पूंछ : झब्बेदार :: गिल्लू की आँखें : चंचल चमकीली/ नीले कांच के मोतिया
उत्तरः
चंचल चमकीली/ नीले कांच के मोतिया

प्रश्नः 10.
इंटरनेट हैकिंग : अभिशाप :: इंटरनेट बैंकिंग : दुनिया की किसी भी जगह पर चाहे रकम भेजी जा सकते है
उत्तरः
दुनिया की किसी भी जगह पर चाहे रकम भेजी जा सकते है

प्रश्नः 11.
जीभ की तुलना : देहरी से :: राम नाम की तुलना : दीप से
उत्तरः
दीप से

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए। (11 × 2 = 22)

प्रश्नः 12.
प्रेमचंद जी ने खरीदारी के बारे में क्या चेतावनी दी है?
उत्तरः
प्रेमचंद जी ने खरीदारी के बारे में यह संदेश देते है कि – हम कभी किसी को धोखा खाने की प्रेरण न दे और खुद भी हम धोखा न खाए।

प्रश्नः 13.
लेखिका के प्राति गिल्लू अपनी भावना कैसे प्रकट करता था?
उत्तरः
लेखिका के प्रति गिल्लू अपनी भावना को इस तरह प्रकट करना था की – ” जब लेखिका अस्वस्थ थी दिन गिल्लू खद कुछ ना खाता। बदले में लेखिक के तकिया पर सिरहने बैठकर

अपने नहे – नहे पंजो से सिर पर हाथ रखकर होले – होले सहलाना रहता था। गर्मी हो या ठंडक, बाहर कबी न जाना और हमेशा उसी के पास बैठा रहना |

प्रश्नः 14.
कलम को जलालुद्दीन ने नई दुनिया का बोध कैसे कराया?
उत्तरः
जलालुद्दीन कलाम जी को हमेशा शिखित व्याक्तियों के बारे में, वैज्ञानिक खोजों के बारे में समकालिन साहित्य और चिकित्सा विज्ञान की उपलब्दियों के बारे मे बनाने रहते थे।

प्रश्नः 15.
ई-गवनेस क परिचय दीजिए ?
उत्तरः
ई-गवर्नेस द्वारा सरकार के सभी कामकाज का विवरण, अभिलेख, सरकारी आदेश आदि को यथावत् लोगों को सूचित किया जाता है। इस से प्रशासन पारदर्शी बन सकता हैं। .

प्रश्नः 16.
‘महिला की साहस गाथा’ पाठ से क्या संदेश मिलता है? ।
उत्तरः
इस पाठ से बच्चे साहस गुण, सदृढ़ निश्चय, अथक परिश्रम, मुसीबतों का सामना करना इत्यादि आदर्श गुण सीखते हैं। इसके साथ हिमालय की ऊँची चोटिङ्गों की जानकारी भी प्राप्त करते हैं। यह पाठ सिद्ध करता है कि मेहनत का फल अच्छा होता है।

प्रश्नः 17.
आप गाँव को ‘आदर्श गांव’ कैसे वणित है ?
उत्तरः
अपना स्कूल के परिसर को स्वच्छ रखना। गंदगी को दूर करना, गाँव में कई गड्ढे हैं. उनको मिट्टी से दौंपना गाँव का कूडा डालने के लिए निचित जगह बनाना । गोंय को हरा-भरा रखना। चारों तख पेड पौधे लगाना। घरों में भी फलदार पेड लगाना।

प्रश्नः 18.
कविता में भारत माता का स्वरूप कैसे वर्णित है?
उत्तरः
मातृभूमि हरे – भरे खतों से तथा फल – फूला से सुशोभित वन – उपवन से सुशोभित हैं। वह अपने अंदरं अपार खनिजो को धन राशी को पा कर सुशोभित हैं। भारत माँ एक हाथ में न्याय पताका और दूसरे हाथ में ज्ञान दीप को धारण कर बहुत ही सुन्दर दीख रही हैं।

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

प्रश्नः 19.
आधुनिक मानव की भौतिक साधना का विवरण कविता के आधार पर दीजिए ?
उत्तरः
आधुनिक मानव की भौतिक साधना का विवरण कवि इस प्रकार देते है कि -“आज मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय प्राप्त कर ली है। यह विजय प्राप्त करना मानव की भौतिक साधना है”

प्रश्नः 20.
बलराम कृष्ण के माता – पिता के बारे में क्या कहता है? ।
उत्तरः
बलराम, कृष्णा के माता – पिता के बारे में न कहता है कि – नंद और यशोदा गोरे हैं। वे तुम्हे | जन्म दिये ही नहीं, अगर देते तो तुम भी गोरे होते, तुम तो काले हो। तुम्हे वे खरीदे हैं।

प्रश्नः 21.
शनि क उपग्रह ‘टाइटन’ के बारे में आप क्या जानते है?
अथवा
शनि एक सुंदर ग्रह है। कैसे ?
उत्तरः
सोरमंडल में शनी ग्रह दूसरा बड़ा ग्रह है। शनि को सूर्य पुत्र माना जाता है। यह बहुत डीमी EI गाति से चलनेवाल ग्रह है। सूर्य को एक चक्कर | लगाने में शनि ग्रह को करीन तीस वर्श लगता है। शनि का निर्माण हइड्रोजन हीलियम मीथेन तथा एमोनिया गैस से का हुआ है। शनि का सब से बड़ा चंद्र टाइटन, सौरमंडल का सर्वाधिक महत्त्व पूर्ण दिलचस्पी उपग्रह है। टाईटन हमारे चंद्र से ह भी काफी बड़ा है।

प्रश्नः 22.
मीना मेडम ने अंत में बच्चों को क्या संदेश दिया?
उत्तरः
मीना मैडम ने छात्रों से अंत में कहा किआज के बच्चे कल के नागरिक है, विद्यर्थि ! आज से नहीं अब से ही आप इन कर्तव्यों का पालन करना शुरू करना। इनसे आपका हित तो होगा ‘ही, देश का कल्याण भी होगा।

अथवा

सत्य की शक्ति के बारे में गांधीजी क कथन क्या है?
उत्तरः
महात्मा गाँधी का सत्य की शक्ति के बारे में यह कथन है कि – महात्मा गाँधी ने सत्य की शक्ति से ही विदेशी शासन को झकझोर दिया।

V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में लिखिए। (4 × 3 = 12)

प्रश्नः 23.
सक्सेना परिवार रोबोनिल को पाकर बहुत खुश था? क्यों? विवरण दीजिए।
उत्तरः
वर्षों से सक्सेना परिवार में काम कर रहा था सा. राम । अचानक एक दिन चलती बस से गिरकर उसे खतरनाक चोट आ गइ। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सक्सेना परिवार बड़ था। बेटे-बेटियों नाती-पातों से घर में हमे रौनक और चहल-पहल बनी रहती। सघोराम के अस्पताल पहुँच जाने से सभी की तकलीफें बढ़गई। धीरज सक्सेना से परिवारवालों का यह दुःख नहीं देखा गया।

प्रश्नः 24.
कर्नाटक की प्राकृतिक सुषमा का वर्णन कीजिए ?
उत्तरः
कर्नाटक के प्राकृतिक सौंदर्य अनोखा है। पश्चिम में विशाल अरबी समुद्र लहराता हैं। इसी प्रांत में दक्षिण – उत्तर की धार पश्चिमघाटों से सुशोभित हैं। इन्ही घाटो का कुछ भाग सह्याद्रि कहलाता हैं। दक्षिण में नीलगिरी की पर्वतावलियाँ शोभायमान हैं। कुल मिलकर कह सकते है कि कर्नाटक की प्राकृतिक सुषमा नयन मनोहर हैं।

प्रश्नः 25.
‘समय की पहचान’ कविता का | संक्षिप्त सारांश लिखिए ।
उत्तरः
समय अधिक महत्वपूर्ण तथा उपयोग है। कवि इस कविता दवारा यह संदेष देते हैं कि- “हमें काम करने का जो अवसर प्राप्त होता है, उसे व्यर्थ जाने नहीं देना चाहिए|

कवि कहते हैं कि किसी उदयोगी को काम करने | का सुअवसर नहीं मिला तो समय नष्टहो जाएगा।इससे सुख-शान्ति भी नष्ट हो जाती है। अगर हमें, काम करने का अच्छा अवसर भी मिले किन्तु हम अपनी आलस्य के कारण कुछ नहीं कर पाएँगें तो नुक्सान तो हमारा ही होगा क्यों कि कल क्या होगा कोई भी नहीं जानता।

अगर कोई कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हो. और उसे उसी वक्त हम कर ना पाएंगे तो, हम चक्रवर्ती भी क्यों हो दुबारा वह काम करने का अवसर भायद ही प्राप्त नहीं होगा।

कभी कोई किसी ने भी द्रव्य के साथ समय को समता दिखाना चाहेगा तो वह बिलकुल ठीक नहीं है क्यों कि वह समय की चिन्त न कर हमेशा द्रव्य के बारे में अपना समय खो देते हैं।

कवि कहते है कि समय भगवान का दिया हुआ अनुपम धन है। उस समय के साथ चलने से हमारा | जीवन शुभप्रद होगा। एक पल को भी हम तुच्छ नहीं समझना चाहिए। | हर पल-पल में भी हमारा जीवन बना हुआ है।ळम जब भी, जो भी काम करते हैं उसे श्रद्धा भक्ति के साथ, मन लगाकर करना चाहिए। और आत्मविध्वास के । साथ जीनी चाहिए। तन में कभी संदेह के लिए अवसर न दें। उसे मन से भगा देनी चाहिए। वि कहते है कि-“ऐसा सुसमय और कब आपको मिलेगा। जब मिल चुका है उसे अपना जो। अगर खो दोगे तो बहुत पछताओगे।

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

प्रश्नः 26.
निम्नलिखित दोहे का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान । तुलसी दया न छाडिये, जब लग घट में प्राणा
प्रस्तावना : प्रस्तुत इस दोहे को गोस्वामी तुलसीदास जी से विराचि ता “तुलसीदास जी के दोहे” से लिए गया है।
संदर्भ : तुलसीदास जी दया – धर्म के बारे में कहते हैं कि
भावार्थ : तुल्सीदास जी कहते हैं कि – दया, धर्म का मूल है, ‘पाप’ अभिमान का मूल है। हम अभिमान के छोडकर दया को अपनान चाहिए तब तक कि जब तक हमारे शरीर में प्राण रहें।
संदर्भ : यहाँ दया को धर्म के साथ, पाप को अभिमान के साथ तुलना की गयी है। जब तक हम जीवित रहेगे, तब तक हम दया का धर्म निभाना चाहिए। इस तरह संदेश तलसीदास जी दिए है।

VI. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखिए। (1 × 4 = 4)

प्रश्नः 27.
पंडित राजकिशोर की परोपकारिता अनुसरणीय है। स्पष्ट किजिए।
उत्तरः
राजकिशोर में मानवीय व्यवहार को देख पाते हैं। जब कि – वसंत. कुछ न कुछ खरीदने के लिए विनती की तब उन के पास छटा न रहने के कारण खरीदने के लिए मना तो किया, किन्तु दो पैसे उन के पास जो छूटा था, उसे देने गए, किन्तु यह लेने के लिए इनकार करने पर, वसंत को समझाति है, मेरे पास नोट हैं. कल ले लूंगा, नहीं तो किशनगंज में अपने घर | के पास आने के लिए बताते हैं। वसंत छुट्टा लाने की वादा कर वहीं रूकने के लिए कहता है तो पंद्रर बीस मिनट वहीं रुकते हैं।

जब प्रताप साढे – चौदह आने देकर बसंत के अपघात के बारे में बनाते है तो तुरन्त डॉक्टर को ले आते है कि ए अमरसिंह को वताकर तुरन्त प्रताप के साथ निकल पड़ते हैं। डॉक्टर, वसंत को तुरंत अस्पताल भर्ती करने के लिए कहते हैं तो एम्बूलेन्स को तत्काल में बुलाते है और उन दोनों भाई यो के साथ रह कर सान्तवना देते है। उपर्युक्त अंश राजकिशोर जी के मानवीय व्यवहार का परिचय कराते हैं।

अथवा

बसंत के उत्तम गुणों वर्णन कीजिए । बसंत ईमानदार लड़का हैं। वह गरीब जरूर है किन्तु वह भीख मांगना नहीं चाहता। अपन से बने कार्य करता हैं। छोटी – छोटी चीजों को बेचना चाहता है। राजकिशोर दो पैसे देने के लिए तैयार भी थे। किन्तु वसंत उसे साफ इनकार कर कहा कि – मैं भीख नहीं माँगूगा। दूसरी एक घटना है कि वह एक | रूपया का छुट्टा लेने जाता है। उस के पैर मोटर के नीचे दब जाती हैं। ऐसी संदर्भ में भी बसंत ने अपने छोटे भाई प्रताप को साढ चौदाह आने राजकिशोर को लौटाने के लिए भेजता है। इस से वसंत को ईमानदारी साबित होती हैं।

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

प्रश्नः 28.
निम्नलिखित कवितांश पूर्ण कीजिए। (4)
उत्तरः
आसफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो। जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोडकर मत भागो तुम ।

अथवा

तुलसी साथी विपति के, विध्या विनय विवेक ।
साहस सुका सुसत्यव्रत, राम भरोसा एक ॥

खण्ड ‘ख’
(व्याकरण)

VII. निम्नलिखित प्रश्नों के लिए चार-चार विकल्प दिये गए हैं। जिन में से एक सही उत्तर चुनकर लिखिए। (8 × 1 = 8)

प्रश्नः 29.
‘मुश्किल’ का विलोम शब्द है
A. आसान
B. आसमान
C. कठिन
D. मुलायमा
उत्तरः
A. आसान

प्रश्नः 30.
निम्नलिखित में से बहुवचन शब्द है
A. दायरा
B. सडक
C. रीति
D. पुस्तकें।
उत्तरः
D. पुस्तकें।

प्रश्नः 31.
‘बेटा’ का आन्य लिंग है?
A. सुत
B . बेटी
C. छात्रा
D. पुत्र ।
उत्तरः
B . बेटी

प्रश्नः 32.
‘जलप्रपात’ इस समास का उदाहरण है |
A. द्वंद्व
B. द्विगु
C. बहुव्रीहि
D. तत्पुरुष ।
उत्तरः
D. तत्पुरुष ।

प्रश्नः 33.
निम्नलिखित में से प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया का शब्द है –
A. पढाई
B. पडाना
C. पढना
D. पढवाना ।
उत्तरः
B. पडाना

प्रश्नः 34.
‘अत्यंत’ शब्द में संधि है –
A. दीर्घ
B . गुण
C. वृद्धि
D. यण
उत्तरः
D. यण

प्रश्नः 35.
इसके बाद क्या करना पड़ेगा इस वाक्य के उपयुक्त विराम चिह है
A. पूर्ण विराम
B. विस्मयादिबोधक
C. प्रश्नवाचक
D. अल्प विराम ।
उत्तरः
C. प्रश्नवाचक

प्रश्नः 36.
भारत ……….. नारी का स्थान पूजनीय
A. से
B. में
c. पर
D. ने।
उत्तरः
B. में

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

खण्ड ग
[रचना – अपठित गद्यांश, अनुवाद, पत्रलेखन और निबंध]

VIII. प्रस्तुत ग्धांश को ध्यानपूर्वक पढकर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (4 × 1 = 4)

एक बार भीमाराव अपने भाई के साथ पिता से मिलने जा रहे थे। उन दोनों ने एक बैलगाडी में बैठे दानों लड़के महार जाति के है, तो उसने तुरंत गाडी रोक दी और उन्हें गाली देते हुए गाडी से नीचे उतार दिया। इस आपमान का बच्चों के कोमल मन पर गहरा आघात लगा। इन कट अनुभवों ने बालक भीम के मन में विद्रोह का ऐस बीज बो दिया, जिसने समय के साथ-साठ एक सक्रिय ज्वालामुखी का रूप धारण कर लिया। आस्पश्यता, छुआ-छूत समाज का कलंक है । इन सब बातों पर विचार करते हुए भीम ने समाज में फैली इन कुरीतियों को मिटाने का दृढ़ संकल्प लिया। उन्होंने अपना सारा जीवन आकृतों को समानता और न्याय दिलाने में समर्पित किया।

प्रश्न: 37.
बच्चों के कोमल मन आपमान का क्या आसर पडा ?
उत्तरः
बच्चों के कोमल मन पर गहरा आघात पडा।

प्रश्नः 38.
गाडीवान ने दोनों बच्चों को गाडी से नीचे किस कारण उतार दिया ?
उत्तरः
वे दोनो बच्चे गहर जाति के थे। यह सुनकर गाडीवान से उन्हें गाड़ी से उतार दिया ।

प्रश्नः 39.
भीमराव जी का जीवन किस कार्य के लिए समर्पित था?
उत्तरः
भीमराव जी का जीवन आछुतों को समानता और न्याय दिलाने में समपीत था।

प्रश्नः 40.
भीम ने कौन – सा दढ पंजर संकल्प लिया ?
उत्तरः
समाज में फैली अस्पश्यता, छुआ – छुन जैसे कुरीतियों को मिटाने का दृढ़ संकल्प किया।

IX. निम्नलिखित वाक्यों का अनुवाद कन्नड़ या अंग्रेजी में कीजिए। (4 × 1 = 4)

प्रश्नः 41.
इंटरनेट की सहायता से बेरोजगारी मिटा सकते है।
उत्तरः
ಇ೬೨ರ್ ಸೇಟ್ ನ (ಅಂತರಜಾಲದ) ಸಹಾಯದಿಂದ ನಿರುದ್ಯೋಗ ಸಮಸ್ಯೆಯನ್ನು ತೊಡೆದು ಹಾಕಬಹುದು.
The help of Internet unemployment
Problem can be solved

प्रश्नः 42.
भैंस ने दोस्तों को पंजर दिखाया।
उत्तरः
ಎಮ್ಮೆಯ ಹಿತ್ತಲಗೆ (ಸುತ್ತ ಕೆಳಿದ) ಮೂಳೆಗಳನ್ನು
Barbar Buffalo showed skeleton to friends.

प्रश्नः 43.
मैसूर का राजमहल कर्नाटक के वैभव का प्रतीक है।
उत्तरः
ಮೈಸೂರಿನ ಅರಮನೆಯು ಕರ್ನಾಟಕದ ವೈಭವದ ಪ್ರತೀಕವಾಗಿದೆ
Mysore Palace is to Symbol of Karnataka’s Pride.

प्रश्नः 44.
बिछंद्री का जन्म एक साधार्ण परिवार में हुआ था।
उत्तरः
ಜಂದಿಯು ಒಂದು ಸ್ಥಲೆ ಕಟುಂಬದಲ್ಲಿ ಜನಿಸಿದ್ದಳು.
Bichendri was bom is an ordinary family.

X. 45. अपनी अस्वस्थता को कारण बताकर तीन दिनों की छुट्टी की लिए प्रधानाध्यापक के नाम एक पत्र लिखिए (1 × 4 = 4)

स्थल का नाम : बेलूरु
ता : …………..

प्रेषक,
अनुपम / अरविंद
दसवी कक्षा ए विभाग
सरकरी प्रोड शिक्षणालय
बेलूरू

सेवा में,
प्रधान अद्यापकजी,
सरकरी प्रोड शिक्षणालय
बेलूरू –

मान्य महोदय
विषय : अस्वस्थत के कारण तीन दिन की चुढी माँ गते हुए

मुझे बहुत ही बुखार है । डाक्टर को दिखने से उन्होने तीन दिन दवा लेखे आराम करने की सलाह दिया है। में बैठने के लिए काबील भी नही हा इसलिए मझे तीन दिन की मानी 4.4.2019 से लेकर 6.4.2019 तक छुट्टी देने की कृपा कीजिए।
धन्यवाद सहित,

आपका आज्ञाकारी विधार्थी
अनुपम / अरविंद
दसवीं कक्षा ‘ए’ विभाग

अथवा

अपनी परीक्षा की तैतारी के बारे में बताते हुए माताजी को एक पत्र लिखिए।
उत्तरः
स्थल : मैसूर
दिनांक : 20.02.2019

पूज्यनीय माता जी,
सादर प्रणाम ।

मैं यहाँ सकुशल है। आप की सकुशल के लिए पत्र लिखते रहिए । मार्च 21 से हमारी परीक्षा आरंभ हो रहा है। मैं अंडा पूर्वक, परिश्रम के साथ अभ्यास कर चुकी है। आप इसके बारे में चिंता ना करें, सिर्फ मझे आर्शिवाद दीजिए। में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो जाऊँगी।
बड़े भाई को तथा नाना – नानी को भी प्रणाम । तुरंत पत्र लिखिए।

आपकी प्यारी बेटी
अनुश्री

सेवा में,
राधारमा
नं. 15, मातृ निलय
एम. जी. रोड
रामनगर

प्रेषक,
अनुश्री .आर
रामकृष्ण महाविध्यालय
मैसूर

Karnataka SSLC Hindi Model Question Paper 5 with Answers

XI. 46. दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर –15-20 वाक्यों में एक निबंध लिखिए। (1 × 4 = 4)

क) इंटरनेट की उपयोगिता

  • प्रस्तावना
  • क्षेत्र व उपयोग
  • महत्व .
  • उपसंहार

प्रस्तावना : इंटरनेट अनगिनत कंप्यूटरो के कई अंतर्जाल का एक दूसरे से संबंध स्थपित करने का जाल है। आज मानव के लिए खन – पान जितना जरूरी है, इंटरनेट भी ईतना ही आवश्यक हो गया है।

क्षेत्र व उपयोग : इसक क्षेत्र बहुत ही बिशाल था विस्तार है। इंटरनेट दवारा घर में बैठे – बैठे खरीदारी कर सकते हैं। कोई भी निल भर सकते हैं, इंटरनेट बैंकिंग दवारा दुनिया किसी भी जगह पर चाहे जितनी भी रकम भेजी जा सकती है। समाज के, कृषी, चिकित्सा, अन्तरिक्षा ज्ञान – विज्ञान देश की रक्षादलों की कार्यवाही देख सकते है। दुख भी बांट ले सकते है, एक दूसरे से सुख दुख भी बांट ले सकते है, जैसे ‘विडियों कान्फरेन्स’ के जरिए

महत्व : इंटरनेट आधुनिक जीवन शैली का महत्वपूर्ण अंग बन गय है । इंटरनेट के दवारा फल भर में, बिना ज्यादा खर्च किए कोई भी विचार हो, दुनिया के किसी भी कोने में भेजना मुमकिन हो है, शायद इसके बिना संचार और सूचना दोनों ही क्षेत्र बंद हो जाता है। इंटरनेट हमारे लिए एह वरदान है।

उपसंहार : इंटरनेट की वजह से आज बहुत कुछ उपयोगिता होने पर भी पैरसी, बैंकिंग फ्रड, हैकिंग आदि से अभिशाप भी बन चुकी है। इसलिए हम लोग इंटरनेट से सचेत भी रहना चाहिए।

खा) वन – महोत्सव

  • विषय प्रवेश
  • क्षेत्र व उपयोग
  • वृक्षों का उपयोग
  • वनों से लाभ
  • उपसंहार

विषय प्रवेश : स्वाभाविक रूप से बड़े – | बडे, मूल्यवान पेड़ से भरा हुआ प्राकृतिक सौदर्य से युक्त पर्यावरण को हम “वन” कहते है। इसक संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। ज्यादा से ज्यादा पौधों को लगाने का कार्य क्रम ही महोत्सब कहलाता है।

आने वाली नयी पीडि को वन के महत्व के | बारे सोदाहरण स्मझाने का प्रयत्न कार्यवाही हो “वन महोत्सव” कहलाता है।

वृक्षों का उपयोग: वन में बहुत मूलयवान | वृक्ष होते है। जैसे – चंदन, नीम, आँचल, पीपल, आदि महान महान वृक्ष जो होते है उन से इमारत बनाने के लिए, पीठोपकरण के, पीठोपकरण के लिए, बहुत ही उपयोग कुछ ऐसे वृक्षा हजारों | पक्षियों का निवास भी है। वृक्ष हमें सुगंहित फूल | के साथ – मीठे मीठे फल भी देते है। |

वनों से लाभ : हमें बनों बहुत ही उपयोगा | है। हमें प्राकृतिक सौंदर्य की सहज अनुभव मिलता | है। हमें अधिक मात्रा में प्राणवायु मिलती है। वर्षा | भी गायन हो जाती हया जिससे कृषी के लिए | जीव जन्तुओं को (मानव को मिलकर) पीने के | लिए पानी मिलेगी, वर्षा से नदी, सरोवर सब भर जाएंग, सब का जीवन सुखमय हो जाएगा। |

पशु – पक्षियों के लिए आच्छा था। निवास स्नाथ तो वन ही है। इसलिए जीतना आच्छा वन | रहेगा उतना हमरे शानदार हाथी, चिता, शेर, बाग, | आदि जानवारो की और विविध प्रकार की पक्षियों के लिए भी वास योग्य वृक्ष वन में ही मिल पायेंगे।

उपसंहार : उपयुक्त अंश को ध्यान में रखते हुए हम हर साल जुलाई प्रथम सप्ताह में वृक्षारोपण कार्यक्रम को आरंभ कर चुके है। उस दिन को “वन महोत्सव” नाम से आचरण करते हैं। यह कार्यक्रम सारे देश भर में खुशी – खुशी के साथ मनया जाता है। बन जाग्रति से यह आशा है कि हमारी धरती फीर से हरी-भरी हो जाए।

ग) पर्यटन से लाभ

  • प्रस्तावना
  • पर्यटन
  • एक उद्योग
  • पर्यटन का विकास
  • उपसंहार

प्रस्तावना : जीवन में असली आनंद पाने के लिए, प्रकृति का नाश दार्शनिक – आध्यात्मिक यात्रा का आयोजन पर्याटन कुछ प्रकृतिक सौंदर्य के विख्यात है। घूमना, पर्याटन कुछ प्राकृतिक सौंदर्य के विख्यात है। जैसे पर्वत, समुद्र – तट, बन उपवन और कुछ धार्मिक महत्त्व रखनेवाले पर्यटन भी है। जैसे हरिद्वार का यात्रा, वैष्णे देवी, तिम्मप्प का दर्शन, आदि कुछ ऐतिहासिक महत्व भी है। जैसे – ताजमहल, लालकिला आदि।

पर्यटन – एक उद्योग : वर्तमान समय में पर्याटन एक उध्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मु कश्मीर आदि पवतीय स्थलों की आर्थ – व्यवस्थ पर्यटन पर आधारित है। वहाँ वर्षभर विश्वभर से पर्यटन आते हैं और अपनी कमाई खर्च करते है। इस से यह पर्यटन स्थल फलते – फूलते है। वह लोगों को आजीविक का साधना मिलता है, इस से आपसी दूरियाँ कम होती है। अंध विश्वास टूटत है।

पर्यटन का विकास : पर्यटन के विकास में विज्ञान का बड़ा योगदान है। क्यों कि पर्यटन के समय में अनेक उपादानों, उपकरणों एवं साधनो की व्यवस्थ करते पडती है। जो हमे विज्ञान प्रधान करता है।

मनुष्य एक ही स्थान में रहते – रहते अनुभव करते लगता है। पर्यटन मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन बन जाता है। यह पर्यटन आज – कल से भी चलती आ रही है। जैसे – शंकरचार्य, रामानुजार्च, मध्वचार्य, कबीर, बसवण्ण आदि लोग भी पर्यटन करते थे। जिससे देश की सामाजिकता, संस्कृतिक राजकियता का परिचय होता होता था। अपने ज्ञान को मुनियों ने साधु संतो ने देश भर में फैलाते थे।

उपसंहार : स्वतंत्र भारत में इस पर्यटन प्रकृति को प्रोत्साहन देने की लिए पर्यटन मंत्रालय को आस्तित्व में लाय गया सरकार ने पर्यटन का दर्जा भी दे दिया है। पर्यटन आत्म विश्वास बढाता | है। जीवन में उदारता आती है। हम इस पर्यटन का । लाभ उठाना चाहिए