Students can Download 2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 3 रहीम के दोहे Pdf, 2nd PUC Hindi Textbook Answers, helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.
Karnataka 2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 3 रहीम के दोहे
I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
प्रश्न 1.
बुद्धिहीन मनुष्य किसके समान है?
उत्तर:
बुद्धिहीन मनुष्य बिना पुंछ या सिंगंके जानवर समान है।
प्रश्न 2.
किसके बिना मनुष्य का अस्तित्व व्यर्थ है?
उत्तर:
इज्जत के बिना मनुष्य का अस्तित्व व्यर्थ है।
प्रश्न 3.
चिता किसे जलाती है?
उत्तर:
चिता निर्जिव शरीर को जलाती है।
प्रश्न 4.
कर्म का फल देनेवाला कौन है?
उत्तर:
कर्म का फल देनेवाला ईश्वर है।
प्रश्न 5.
प्रेम की गली कैसी है?
उत्तर:
प्रेम की गली संकरी है।
प्रश्न 6.
रहीम किसे बावरी कहते है?
उत्तर:
रहीम जिव्हा को बावरी कहते है।
प्रश्न 7.
रहीम किसे धन्य मानते है?
उत्तर:
रहीम छोटे जलाशय को धन्य मानते है।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: लिखिए:
प्रश्न 1.
रहीम ने चिता और चिंता के अंतर को कैसे समझाया है?
उत्तर:
रहीम इस पद में चिंता और चिता की बात कर रहे है। चिंता मनुष्य के जिन्दगी के लिए कितनी खतरनाक है यह बताते हुए वे कह रहे है, चिता तो एक बार ही लगती है वह निर्जिव (मरे हुए) शरीर को जलाती है लेकीन चिंता जिन्दगी भर मनुष्य को जलाती रहती है। उससे हमारे शरीर को बड़ा भारी नुकसान होता है इसलिए वह चिता से भी बुरी है, खतरनाक है।
प्रश्न 2.
वाणी को क्यों संयत रखना चाहिए?
उत्तर:
रहिम बिना समझे बोलनेवालों को जीभ के द्वारा, उसका उदाहरण देकर समझा रहे है कि हमारी जीभ तो बिना कुछ सोचे-समझे कुछ भी बोल देती है। स्वर्ग, पाताल की बाते कर खुद तो मुँह के अंदर छिप जाती है लेकिन मार खानी पड़ती है कपाल को। बातोंका अन्जाम यह होता है कि गुस्सेकी मार तो गाल पर पडती है, जीभ को कुछ नही होता। इसलिए हमे सोच समझकर बोलना चाहिए।
III. ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:
प्रश्न 1.
घनि रहीम जल पंक को, लधु जिय पिअत अधाय
उदाधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाया।
उत्तर:
रहीम यहाँ पर उदाहरण देते समझा रहे है कि आकार बडा हो या छोटा उससे क्या होता है? कभी कभी छोटा ही बड़ा काम का होता है। सागर इतना बड़ा होता है, उसमे कितना पानी होता है लेकिन क्या फायदा? जिससे एक इसान की भी प्यास नही बुझती। उससे तो नद-नाल, या कीचड़ से भरा तालाब ही सही जहाँ छोटे-बड़े सारे जीव अपनी प्यास बुझा लेते है।
प्रश्न 2.
रहीम गली है साँकरी, दूजो ना ठहराहिं।
आपु अहै तो हरि नहीं, हरि, तो आपुन नहीं।
उत्तर:
परमात्मा की भक्ति के बारे में बात करते हुए रहीम कह रहे है प्रेम की गली बहुत संकरी होती है इसमें एक जन ही आ जा सकता है, रह सकता है। भगवान तक पहुँचने का रास्ता भी ऐसा ही है अगर तुम मैं-मेरा-मुझे कहते रहोंगे तो तुम ही तुम रहोगे लेकिन अगर हर जगह भगवान ही भगवान है तो वहाँ भगवान रहेंगे, तुम नही।